स्ट्रोक क्या है?
आजकल बदलती जीवनशैली, तनाव, और असंतुलित खानपान के कारण स्ट्रोक (Stroke) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें दिमाग तक खून का प्रवाह अचानक रुक जाता है। अगर समय पर इलाज न मिले तो स्ट्रोक स्थायी विकलांगता या जानलेवा साबित हो सकता है। इसीलिए ज़रूरी है कि हर कोई स्ट्रोक के लक्षण समय रहते पहचान सके और तुरंत डॉक्टर की मदद ले।
स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग के किसी हिस्से तक खून और ऑक्सीजन पहुंचना बंद हो जाता है। इसके दो प्रकार होते हैं:
- इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke): जब ब्लॉकेज के कारण खून का प्रवाह रुक जाए।
- हैमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke): जब दिमाग की रक्त वाहिका फट जाए और ब्लीडिंग हो।
दोनों ही स्थितियों में स्ट्रोक के लक्षण जल्दी पहचानना और तुरंत इलाज कराना जीवन बचा सकता है।
स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण।
1. चेहरे पर असर
चेहरे का एक हिस्सा अचानक ढीला पड़ जाना या मुस्कुराने पर एक तरफ का चेहरा हिलना बंद हो जाना स्ट्रोक के लक्षण में सबसे आम है।
2. हाथ-पैर में कमजोरी
अचानक एक हाथ या पैर काम करना बंद कर दे या उनमें कमजोरी महसूस हो, तो यह भी स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं।
3. बोलने में दिक्कत
बात करने में अचानक तकलीफ़ होना, शब्द अटकना या जुबान लड़खड़ाना स्ट्रोक का संकेत है।
4. देखने में परेशानी
अचानक धुंधला दिखना, एक आंख से साफ न दिखना या डबल विज़न होना भी गंभीर स्ट्रोक के लक्षण माने जाते हैं।
5. तेज़ सिरदर्द
अचानक बहुत तेज़ सिरदर्द होना, खासकर उल्टी या चक्कर के साथ, स्ट्रोक का इशारा हो सकता है।
6. संतुलन खोना
चलने में लड़खड़ाना, चक्कर आना या संतुलन बिगड़ना भी शुरुआती स्ट्रोक के लक्षण हैं।
क्यों नज़रअंदाज़ नहीं करने चाहिए स्ट्रोक के लक्षण?
- गोल्डन ऑवर (Golden Hour): स्ट्रोक के बाद शुरुआती 3 से 4 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान इलाज शुरू होने पर मरीज़ की जान बच सकती है और दिमागी नुकसान कम होता है।
- समय पर इलाज से रिकवरी की संभावना बढ़ती है।
- देरी होने पर स्ट्रोक स्थायी लकवे या विकलांगता का कारण बन सकता है।
किन लोगों को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा है?
अगर आपके जीवन में ये जोखिम कारक मौजूद हैं तो आपको स्ट्रोक के लक्षण समय-समय पर ध्यान से देखने चाहिए:
- उच्च रक्तचाप (High BP)
- मधुमेह (Diabetes)
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- मोटापा और व्यायाम की कमी
तनाव और अनियमित जीवनशैली
स्ट्रोक से बचाव के तरीके
- संतुलित आहार लें: तैलीय और जंक फूड कम करें।
- रोज़ाना व्यायाम करें: 30 मिनट वॉक या योग स्ट्रोक का खतरा घटाता है।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
- ब्लड प्रेशर और शुगर पर नियंत्रण रखें।
- नियमित हेल्थ चेकअप कराएं।
परिवार और समाज की भूमिका
जब किसी व्यक्ति को स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें, तो परिवार और आसपास के लोग तुरंत एम्बुलेंस बुलाएं और मरीज को अस्पताल पहुंचाएं। “FAST” टेस्ट याद रखना जरूरी है:
- F (Face): क्या चेहरा एक तरफ ढीला पड़ गया है?
- A (Arms): क्या दोनों हाथ समान ताकत से उठ पा रहे हैं?
- S (Speech): क्या बोलने में तकलीफ़ हो रही है?
- T (Time): अगर हां, तो तुरंत इलाज शुरू करें।
निष्कर्ष
स्ट्रोक के लक्षण को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। चेहरे का झुकना, बोलने में दिक्कत, हाथ-पैर में कमजोरी, तेज़ सिरदर्द या धुंधला दिखना—ये सभी संकेत तुरंत डॉक्टर के पास जाने की चेतावनी हैं। शुरुआती घंटों में इलाज मिलने से जीवन बचाया जा सकता है और स्थायी नुकसान से बचा जा सकता है।
Ganpati Healthcare हमेशा आपके स्वास्थ्य की देखभाल और जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें।

